130 दिन से ज्यादा बीतने के बाद भी नवरुणा का कुछ सुराग पता लगा पाने में बिहार की पुलिस नाकाम रही है। नवरुणा के परिजन, शुभचिंतक शुरुआत से ही बिहार पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में पाते हुए सीबीआई जाँच की मांग कर रहे है लेकिन सरकार इस मांग पर अपनी चुप्पी साधे हुए है। सीबीआई जाँच की मांग सभी राजनीतिक दलों के लोग कर चुके है। स्थानीय विधायक सुरेश शर्मा (देखे-https://www.youtube.com/watch?v=Pef0jQdGOHg ) से लेकर सभी राजनीतिक दल, विशेषकर विपक्ष इस मांग को लगातार दुहराता रहा है कि इस अपहरण की गुत्थी सुलझाने में सीबीआई से ही थोड़ी बहुत उम्मीद बची है इसलिए जल्द से जल्द सीबीआई को जाँच का जिम्मा सौंप दिया जाए। लेकिन सरकार परिजनों, शुभचिंतको की बात तो दूर राजनीतिक वर्ग के भी मांग को अनसुना कर रही है।
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने नवरुणा मामले की जाँच सीबीआई से कराने की मांग 9 दिसंबर को ही की। इस सम्बन्ध में 10 दिसंबर, 2012 को दैनिक हिंदुस्तान में छपी खबर की प्रति संलग्न है :
भाकपा माले के नेता दीपंकर भट्टाचार्य सहित राज्य स्तर के अनेक नेता सीबीआई की मांग दुहराते रहे है। इस सम्बन्ध में 9 दिसंबर की एक रिपोर्ट
इसके अलावा स्थानीय समाजसेवी, यथा गाँधी शांति प्रतिष्ठान, अग्रणी स्वाभिमान, द्वारा सीबीआई की मांग दुहराया जाता रहा है.
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