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Tuesday 25 December 2012

Protest for Navaruna at Jantar Mantar (25 Dec., 2012)

Press release
बिहार से 98 दिन से अपहृत नवरुणा के लिए जंतर मंतर पर प्रदर्शन

अगले 10 दिन के अन्दर कोई ठोस करवाई नहीं हुयी तो छात्र करेंगे 



प्रधानमंत्री के आवास का घेराव

नई दिल्ली। 25 दिसंबर। महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचार और उनकी सुरक्षा संबंधी देशव्यापी चिंता के माहौल के बिच आज दिल्ली के छात्रो व नवरुणा के शुभचिंतको ने बिहार के मुजफ्फरपुर से पिछले 98 दिन से अपहृत नवरुणा के लिए जंतर मंतर पर धरना दिया और केंद्र सरकार से नवरुणा अपहरण मामले पर ठोस करवाई करने की मांग की। ""हमारी नवरुणा वापस दो ! हमारी नवरुणा वापस दो !"" की मांग जंतर मंतर पर छात्रों ने जोर शोर से उठाया। दिल्ली में पढने वाले विद्यार्थियों ने जनता दल (यू) के केंद्रीय कार्यालय के पास भी प्रदर्शन किया ताकि सुशासन बाबु के कानो में नवरुणा अपहरण मामले की गूंज सुनाई दे। 

जंतर मंतर पर नवरुणा के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राएं बिहार सरकार व वहां की पुलिस के रवैए से खासे नाराज थे। जिस तरीके से 11 वर्षीय नवरुणा के अपहरण मामले में सरकार का नकारात्मक व्यवहार रहा है व बिहार की पुलिस ने जिस तरीके की पुलिसिया निष्क्रियता व असंवेदनशीलता का परिचय दिया है, उससे प्रदर्शनकारी छात्रों में साफ नाराजगी देखी जा सकती थी। प्रदर्शन कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र व इलाहबाद निवासी राहुल ने कहा कि 98 दिन बाद भी नवरुणा को ढूंढने में असफल रही सरकार पर से नवरुणा के परिजनों व उसके शुभचिंतको का भरोशा टूट गया है। पुलिस के झूठे आश्वासनों के सहारे हम कबतक चुप रहेंगे? अगर बिहार सरकार नवरुणा को ढूंढने में नाकारा साबित हो रही है, तब वह क्यों नहीं सीबीआई को नवरुणा को ढूंढने का जिम्मा सौंप देती है? बिहार सरकार राज्य की बेटियों की सुरक्षा की बात करती है लेकिन नवरुणा के मामले पर न तो सरकार कोई सुध ले रही है और न ही कोई ठोस करवाई कर रही है। वह मुजफ्फरपुर के पुलिस अधिकारीयों को क्यों नहीं तुरंत बर्खास्त करती है?

दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत और मुजफ्फरपुर निवासी ब्रजेश ने कहा कि पहले तो मामला प्रेम प्रसंग कहकर लटकाया गया, अब पुलिस कंकाल के नाम पर नवरुणा की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रही है और उसके माता पिता को तंग करने में जुटी है। दिल्ली सहित देश भर में पढनेवाले छात्र बिहार सरकार और पुलिस की करवाई से असंतुष्ट है, इसलिए हम केंद्र सरकार सहित अन्य संस्थाओ से नवरुणा मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह कर रहे है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के छात्र अभिषेक रंजन ने कहा कि नवरुणा मामले में जिस तरह शुरुआत से पुलिस लापरवाह रही, उससे साफ जाहिर होता है कि वह इस मामले में ज्यादा कुछ करने के मुड में नहीं है। जिस तरीके से मुजफ्फरपुर की पुलिस ने दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे छात्रो को धमकाने का और लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध करने से रोकने का काम किया, उससे सरकार और पुलिस का इरादा साफ हो जाता है। नवरुणा मामले पर बिहार सरकार की करवाई से लगता ही नहीं है कि बिहार में कोई कानून का राज है। अभिषेक ने कहा कि हम यह क्यों न माने कि वहा की पुलिस अपराधियों के साथ नहीं है? क्या अपराधियों के साथ मिले रहने की वजह से ही नवरुणा अभीतक अपने घर नहीं लौट पाई है ?

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कानून के छात्र व सहरसा निवासी प्रवीण ने कहा कि नवरुणा मामले पर जब उत्सुकता वश बिहार के अख़बार पढता हूँ तो प्रतिदिन हत्या, लुट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएँ सुनने में आती है। जब मुजफ्फरपुर जैसे प्रमुख शहर के बीचोबीच बच्ची गायब हो जाती और उसे ढूंढने में 98 दिन बाद भी पुलिस और सरकार सफल नहीं हो पाती है, तब अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार के गाँव में कैसे हालत होंगे।

गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले और शहर के बीचोबीच स्थित जवाहलाल रोड से 11 वर्षीया नवरुणा, जो 7वी कक्षा की छात्रा है, का अपहरण 18 सितम्बर,2012 की रात में उसके घर की खिड़की तोड़कर कर लिया गया था। अपहरण की शिकायत तुरंत पुलिस में दर्ज करवाई गयी, लेकिन पुलिस पहले तो अपहरण को प्रेम प्रसंग का मामला बताकर तो बाद में मधुबनी कांड में व्यस्त होने का हवाला देकर टाल मटोल करती रही। मुजफ्फरपुर के कुछ छात्रो व दिल्ली सहित पुरे देश में पढने वाले नवरुणा के शुभचिंतको के ऑनलाइन कैम्पेन व विरोध प्रदर्शन से हरकत में आई पुलिस ने नवरुणा मामले की जाँच एक महीने बाद शुरू की। यहाँ तक की सीआइडी व फोरेंसिक जाँच की टीम भी लगभग 40-45 दिन बीतने के बाद आई। जाँच के नामपर बहानेबाजी का सिलसिला चल ही रहा था कि अचानक नवरुणा के घर के पास एक व्यस्क का कंकाल मिल गया, जिसे पुलिस नवरुणा का ही होने का दावा करते हुए डीएनए टेस्ट के लिए नवरुणा के परिजनों पर दबाब बनाना शुरू कर दिया। इसी बिच दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को मुजफ्फरपुर की पुलिस ने वरीय अधिकारियो के आदेश के मद्देनजर धमकाने दिल्ली आ पहुंची। पुलिस की धमकी से प्रदर्शनकारी छात्र दहसत में जी रहे थे, लेकिन दामिनी के गैंग रेप पर देश में उबल रहे गुस्से से उन्हें भी शक्ति मिली और आज जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंचे।

आज के प्रदर्शन के बाद छात्रो ने नवरुणा मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने, मुजफ्फरपुर के सभी पुलिस अधिकारियो को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही नवरुणा के परिजनों की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग भी बिहार सरकार से की है। कानून व्यस्था की बदहाल स्थिति से नाराज छात्रो ने चेतावनी दी है कि अगर 10 दिन के अन्दर कोई ठोस करवाई नहीं हुयी तो वे प्रधानमंत्री के आवास का घेराव करेंगे और अगर सफलता नहीं मिली तो आत्मदाह करेंगे।


स्टूडेंट्स फोरम फॉर सेव नवरुणा
 




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